भिखारी की भीख | Kavita bhikhari ki bheekh

भिखारी की भीख ( Bhikhari ki bheekh )   एक भिखारी रोज़ गाॅंव जाता, भीख माॅंगकर घर में वो‌ लाता। रोज़ाना वह यही काम करता, काम-धंधा वो कुछ नही करता।। एक घर में जाता वह रोज़, जिसमे औरत अकडू थी एक । भीख माॅंगता उसे गाली मिलती, झोले में वह कुछ नही डालती।। एक दिन … Continue reading भिखारी की भीख | Kavita bhikhari ki bheekh