चंद्रघंटा | Kavita chandraghanta

चंद्रघंटा ( Chandraghanta )   नवशक्ति नव दुर्गा मां, चंद्रघंटा मस्तक सोहे। अभयदान देने वाली, चंद्र रूप अति सुंदर मोहे।   दस भुजधारी सिंह सवारी, दुष्टों का संहार करे। सबके संकट हरने वाली, काज सारे सिद्ध करें।   बुद्धि दात्री वैभव दाता, उर आनंद मोद भरे। शक्तिस्वरूपा मात भवानी, साधक रणविजय धरे।   चमका दे … Continue reading चंद्रघंटा | Kavita chandraghanta