दर्द अपने सनम | Kavita Dard Apne Sanam

दर्द अपने सनम ( Dard Apne Sanam ) दर्द अपने सनम पराए क्यों हो गए। रिश्ते हमने है निभाए क्यों खो गए। पीर पर्वत से भारी हुई क्यों सनम। खुशियां बांटी हमने छुपाए है गम। खिल जाता चेहरा देख हमको जरा। दिल दीवाना कहो कहां वो प्यार भरा। बदली दुनिया तुम ना बदलना सनम। कैसे … Continue reading दर्द अपने सनम | Kavita Dard Apne Sanam