दर्द सुनो गजराज का | Kavita Dard Suno Gajraj ka

दर्द सुनो गजराज का ( Dard suno gajraj ka )    अच्छा नही किया इस मानव ने, खाने में बारुद खिलाया मानव ने। मैं हूॅं एक भोंला-भाला सा पशु, जब कि मुझको गणपति यें माने‌।। गलत कभी कुछ में करता नही, मुॅंह से भी बोल में सकता नही। जंगल के कंद-मूल फल खा लेता, अगर … Continue reading दर्द सुनो गजराज का | Kavita Dard Suno Gajraj ka