हक की बात ( Haq ki Baat ) पत्थर के सब देवता, पत्थर के जो लोग। होते सौरभ खुश तभी, चढ़ जाता जब भोग।। देकर जिनको आसरा, काटा अपना पेट। करने पर वो हैं तुले, मुझको मलियामेट।। टूटे सपना एक तो, होना नहीं उदास। रचे बढ़े या फिर करे, कोई नया प्रयास। अपने हक की … Continue reading हक की बात | Haq ki Baat
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