हमारी बिटिया | Kavita hamari bitiya

हमारी बिटिया ( Hamari bitiya )   पुष्प में मकरंद जैसे सूर्य की किरण जैसे चहकती चिड़ियों जैसे गुलाब की सुगंध जैसे स्वच्छ निर्मल जल जैसे स्थिर वृक्ष पर्वतों जैसे हवा के उन्मुक्त वेग जैसे दीप की ज्योति जैसे बज रहे हो नूपुर जैसे ऐसी थी हमारी बिटिया जज्ब किए जज्बात कैसे मूक बनी रही … Continue reading हमारी बिटिया | Kavita hamari bitiya