हे राम तुम्हारे भारत में

हे राम तुम्हारे भारत में मर्यादा का अंत हो रहा कैसा ये षड्यंत्र हो रहा ! जाति-धर्म मजहब में बंटकर मानवता का अंत हो रहा!! दुर्जन का उत्थान हों रहा सज्जन अब निष्प्राण हो रहा! अबला संग दुष्कृत्य हो रहा ऐसा क्यों कुकृत्य हो रहा!! हे राम तुम्हारे भारत में दानव क्यों उन्मत्त हो रहा … Continue reading हे राम तुम्हारे भारत में