होली का रंग | Kavita Holi ka Rang

होली का रंग ( Holi ka Rang ) भर पिचकारी उड़ा गुलाल रंगा रंग बना होली, प्रेम में सब उमड़े खिले मुखड़े ऐसी बना होली । त्वचा का भी ध्यान रख, कुदरत का भी मान रख, गुलाल लगा कर जश्न कर फिर सबका सम्मान रख । घर गली मोहल्ला सब, रंगो की बरसात कर, बुढी़ … Continue reading होली का रंग | Kavita Holi ka Rang