जगजननी जानकी | Kavita Jag Janani Janaki
जगजननी जानकी ( Jag Janani Janaki ) अपने चरित्र और चिंतन से नारी जीवन के दर्शन दिखलाइए, विपदाओं से घिरी जानकी ने कुल की मर्यादा को बतलाया ।। जिस धोबी ने स्त्री को करके कलंकित घर से निकाला था, माता की हर भाव को पीड़ा में देख वह भी बहुत पछताया था।। समझ लेता … Continue reading जगजननी जानकी | Kavita Jag Janani Janaki
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