जल है तो कल है | Kavita Jal Hai to Kal Hai
जल है तो कल है ( Jal Hai to Kal Hai ) सृष्टि पंच तत्व प्रभा, जल अद्भुत अनमोल । जीवन आयुष श्रेष्ठ पद, पग पग दिव्य तोल । अमृत तुल्य नीर संग , जीवंत हर पल है । जल है तो कल है ।। पेयजल दुरूपयोग व्यर्थता, सर्वदा अक्षम्य पाप । अवांछित कृत्य … Continue reading जल है तो कल है | Kavita Jal Hai to Kal Hai
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