जीवन धारा | Kavita jeevan dhaara
जीवन धारा ( Jeevan dhaara ) हर्ष उमंग खुशियों की लहरें बहती जीवन धारा। मेहनत लगन हौसला धरकर पाते तभी किनारा। भावों की पावन गंगा है मोती लुटाते प्यार के। पत्थर को भगवान मानते सुंदर वो संस्कार थे। इक दूजे पे जान लुटाते सद्भावों की पावन धारा। क्या जमाना था सुहाना बहती … Continue reading जीवन धारा | Kavita jeevan dhaara
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