कविता कभी हँसाती कभी रुलाती | Kavita Kabhi Hasati
कविता ( Kavita ) कविता कभी हँसाती है, कविता कभी रुलाती है, सामाजिक कुरीतियों पर कविता प्रहार कराती है! कविता संवेदना लाती है, कविता वेदना दिखाती है, समाज को जागरूक करके कविता चेतना दर्शाती है। कविता प्रेम बरसाती है, कविता समर्पण जगाती है, प्रतिशोध की ज्वाला जला कविता अगन भड़काती है। कविता आत्ममंथन है, … Continue reading कविता कभी हँसाती कभी रुलाती | Kavita Kabhi Hasati
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