क़दम क़दम पर | Kavita Kadam Kadam Par

क़दम क़दम पर ( Kadam Kadam Par ) क़दम क़दम पर,रात मिलेगी । सुबह हमें ख़ुद , करनी होगी । जब- जब, छायेगा अंधियारा । ख़ुद ही रौशनी , भरनी होगी । क़दम -कदम पर , दीप जलाकर । खोई राह , पकड़नी होगी । भुला कर घातों व , प्रतिघातों को । ज़िन्दगी बसर … Continue reading क़दम क़दम पर | Kavita Kadam Kadam Par