कैसे मनाऊँगी मैं होली | Kavita Kaise Manaungi main Holi

कैसे मनाऊँगी मैं होली ? ( Kaise Manaungi Main Holi )    कैसे मनाऊँगी मैं होली अगर नहीं तुम आओगे। कैसे लूँगी मीठी करवट, अगर नहीं तुम आओगे। साथ-साथ खाई थी कसमें जो जीने -मरने की, सराबोर करूँगी किसको अगर नहीं तुम आओगे। मालूम है मुझको कि तू हो सरहद की रखवाली में, लौटेगा बिना … Continue reading कैसे मनाऊँगी मैं होली | Kavita Kaise Manaungi main Holi