काव्य मिलन | Kavita Kavya Milan
काव्य मिलन ( Kavya Milan ) माँ-बाप से बढ़कर, हमें करता कोई प्यार नहीं, उनसे ही वजूद हमारा उनके बिना संसार नहीं, हाथ पकड़कर चलना वो ही हमें सिखलाते हैं, उनसे ज़्यादा इस दुनिया में और मददगार नहीं, जब-जब चोट हमें लगती मरहम वो बन जाते, तबीब भी कोई उनके जैसा है तर्जुबेकार नहीं, … Continue reading काव्य मिलन | Kavita Kavya Milan
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