खत से इजहार | Kavita Khat se Izhaar
खत से इजहार ( Khat se izhaar ) दिल की पीड़ा को नारी भली भाती जानती है। आँखों को आँखों से पढ़ना भी जानती है। इसलिए तो मोहब्बत नारी से शुरू होकर। नारी पर आकर ही समाप्त होती है।। मोहब्बत होती ही है कुछ इसी तरह की। जो रात की तन्हाई और सुहाने मौसम में। … Continue reading खत से इजहार | Kavita Khat se Izhaar
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