लक्ष्मण मूर्छित | Kavita lakshman moorchhit
लक्ष्मण मूर्छित ( lakshman moorchhit ) मेघ समान गर्जना करता हुआ मेघनाथ जब आया। अफरा-तफरी मची कटक में रचता मायावी माया। आया इंद्रजीत रणयोद्धा बाणों पर बाण चले भारी। नागपाश बंधे राम लखन भयभीत हुई सेना सारी। देवलोक से आए नारद जी गरूड़ राज को बुलवाओ। रघुनंदन नागपाश बंधन को प्यारे रामभक्त हटवाओ। महासमर … Continue reading लक्ष्मण मूर्छित | Kavita lakshman moorchhit
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