मत मार पिचकारी | Kavita Mat Mar Pichkari

मत मार पिचकारी ( Mat Mar Pichkari )   मत मार पिचकारी, मेरी भीगी चुनरिया सारी। रंग मत डारे रे सांवरिया, मोहन मदन मुरारी। रंग गुलाल उड़े फागुनी, मधुर बजे मुरली थारी। झूम झूम गुजरिया नाचे, नाच रही राधा प्यारी। चंग बजे बांसुरी की धुन, मस्त हुई दुनिया सारी। रसिया मोहन प्यारे आजा, धूम मच … Continue reading मत मार पिचकारी | Kavita Mat Mar Pichkari