मुस्कुराया जाए | Kavita muskuraya jaye

मुस्कुराया जाए ( Muskuraya jaye )     आओ साथ मिलकर दोनो, मुस्कुराया जाए। बिना माचिस के कुछ दिल को, जलाया जाए।   आग नही ये चाहत होगी,औरों मे सुलगेगी, जाने कितने सुप्त हृदय मे,प्रीत के दीप जलेगी। आओ दीपों को जलाया जाए। मन के अंधियारे को, मिल मिटाया जाए।   शायद कुछ टूटे से … Continue reading मुस्कुराया जाए | Kavita muskuraya jaye