Kavita | नींद

नींद ( Neend )   आंधी  आई काले बादल घिर  घिर कर आने लगे कहर कोरोना बरस पड़ा खतरों के मेघ मंडराने लगे     रह रह कर डर सता रहा आंखों की नींद उड़ाने को यह कैसी लहर चल पड़ी कैसा  मंजर  दिखाने को     सड़कों पर सन्नाटा छाया नींद  हराम  हुई सबकी … Continue reading Kavita | नींद