विचार-धारा

सच्चाई कौन दोस्त कौन दुश्मन फ़र्क़ नहीं पड़ता,कौन अपना कौन पराया फ़र्क़ नहीं पड़ता। हम चले मंज़िल की ओर एकदम अकेले,कौन रहबर कौन रहज़न फ़र्क़ नहीं पड़ता। सोच में सपने संजोये भावी भविष्य के,कौन नाकाम कौन कामयाब फ़र्क़ नहीं पड़ता। नक्कमे करते नुक्ताचीनी हर किसी काम में,कौन नेक कौन नादान फ़र्क नहीं पड़ता। करते जो … Continue reading विचार-धारा