संयम और जीवन | Kavita Sanyam aur Jeevan

संयम और जीवन  ( Sanyam aur jeevan )    जब जीना दुश्वार हो मुस्किल अपरम्पार हो पग पग दिखे नही कोई रस्ता चहु दिश घोर अंधकार हो, फिर संयम रख लो धैर्य बांध लो जिससे जीवन का उद्धार हो।   अपने पराए या समाज हो कल परसों या आज हो उथल पुथल का यह जीवन … Continue reading संयम और जीवन | Kavita Sanyam aur Jeevan