शंख नाद | Kavita Shankh Naad

शंख नाद ( Shankh Naad ) माताओं, बहनों, बालाओं, तैयार हो जाओ ललनाओं, अब गूंज उठा है शंख नाद, हथियार उठाओ ललनाओं, मांगा अधिकार गगन मांगी, जब उफ है किया देहरी लांघी, फिर सबल भी कंधों को कर लो, अब अबला मत कहलाओ, अब गूंज उठा है शंख नाद, हथियार उठाओ ललनाओं, सदियों से बनी … Continue reading शंख नाद | Kavita Shankh Naad