शेखावाटी गंध | Kavita Shekhawati Gandh
शेखावाटी गंध ( Shekhawati Gandh ) खबरों की खबर है या वो बेखबर है। हमको भी सबर है उन्हें भी सबर है। कहीं आसपास दमके नव ज्योति उजाला। चमक रहा भास्कर मेरी किस्मत का ताला। मरूवेदना सुन लो आकर दर्द मेरे दिल का। आज तक जागरण हुआ मेरे जनमत का। शेखावाटी गंध फैली हिंदुस्तान … Continue reading शेखावाटी गंध | Kavita Shekhawati Gandh
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