तमाशा | Kavita Tamasha

तमाशा ( Tamasha )   कौन कहता है आईने झूठ नहीं बोलते वे चेहरे के पीछे की परतों को कहाँ खोलते हैं दिये गये सम्मान में भी दिली सम्मान कहाँ होता है उसमे तोचापलूसी के पीछे छिपा मतलब हि होता है झंडा उठाने वाले भी लेते हैं अपनी मजदूरी दल से उन्हें किसी हमदर्दी नहीं … Continue reading तमाशा | Kavita Tamasha