तू ही खुशियों का खजाना | Kavita Tu hi
तू ही खुशियों का खजाना ( Tu hi khushiyon ka khajana ) मन मोहक मुस्कान तेरी हर लेती है व्यथा मेरी। तू ही खुशियों का खजाना शरण आया प्रभु तेरी। हे ईश्वर तू अंतर्यामी तू रखवाला तू ही है स्वामी। घट घटवासी लखदातार सबके रक्षक सृजनहार। सारी सृष्टि के संचालक है परमेश्वर तुम हो … Continue reading तू ही खुशियों का खजाना | Kavita Tu hi
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