तुम तुम हि हो | Kavita Tum Tum Hi Ho

तुम तुम हि हो ( Tum Tum Hi Ho )   कौन कहाँ है, कितनी दूर है पहुुंचेगा कब यह आपका नही उसका विषय है आप कहाँ हो कितनी दूर हो और पहुँचना कैसे है यह तुम्हे स्वयं सोचना है, क्योंकि मंजिल तुम्हारी है जीतना या पराजित होना तुम्हे है और की देखा देखी मे … Continue reading तुम तुम हि हो | Kavita Tum Tum Hi Ho