व्याकुलता ( Vyakulta ) खोज लेती है धारा प्रवाह अपना आपसे सलाह लेती नहीं निगाहों में जिनके बसता हो सागर वो नदी नालों में कभी रुकते नहीं आदि से अनंत तक की यात्रा रहती है गतिमान सदैव ही ठहर सकते हैं भले मन या तन से आप आपकी कहानी कभी रुकती नहीं अन गिनत … Continue reading व्याकुलता | Vyakulta
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