खता ( Khata ) वफादारी भी जरूरी है हर किसी के साथ किंतु,हो उसी के साथ ,जो करे कद्र उसकी देख लिया है ,करके भी उनकी इज्जत हमने सिवा बदनामी के ,कुछ न मिला उनसे हमे रिश्ता है उनका ,सिर्फ उनके मतलब भर से उनकी फितरत ही नही, सगा होने की कभी न समझे … Continue reading खता | Khata
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