Urdu Poetry | Ghazal -ख्वाब टूटे कभी तो अरमान का पता चले

ख्वाब टूटे कभी तो अरमान का पता चले ( Khawab Tute Kabhi To Armaan Ka Pata Chale )     ख्वाब टूटे कभी तो अरमान का पता चले मुझे आँख लगे जो तूफ़ान का पता चले   ए-शराब में तुझे कुछ इस तरह से पीता हूँ मदहोश भी रहूँ तो मकान का पता चले   … Continue reading Urdu Poetry | Ghazal -ख्वाब टूटे कभी तो अरमान का पता चले