खेल के सूत्र बनाएँ जीवन

खेल के सूत्र बनाएँ जीवन खेल की क्रीड़ा निराली बैर ,कभी धैर्य, परीश्रम, लगन है lतो कभी खिन्न – उदास दर है ,सहयोग , एकता भी न भूलो lतो खेल से क्या मिला ,हार – जीत या आत्मनिर्भर l स्वस्त है , मस्त है ,जिससे तन – मन चुस्त है lसिद्धांत नव दो ग्यारह नहीं … Continue reading खेल के सूत्र बनाएँ जीवन