ख़ुशबू वतन की | Khushboo Watan ki

ख़ुशबू वतन की ( Khushboo watan ki )   सांस में मेरी बसी ख़ुशबू वतन की बात करता हूँ यहाँ तो मैं अमन की प्यार से महके वतन यूं ही हमेशा ख़ूबसूरती कम नहीं हो इस फ़बन की दुश्मनों की चाल हर नाकाम करके हाँ हिफ़ाज़त रोज़ करनी है चमन की सैनिकों ही हौंसले जिससे … Continue reading ख़ुशबू वतन की | Khushboo Watan ki