किशन बाँसुरी तूने जब भी बजाई

किशन बाँसुरी तूने जब भी बजाई किशन बाँसुरी तूने जब भी बजाई तेरी राधिका भी चली  दौड़ी आई नहीं और कुछ देखने की तमन्ना तुम्हारी जो  मूरत है मन में समाई हुई राधिका सी मैं भी बाबरी अब कथा भागवत माँ ने जब से सुनाई रहे भक्त तेरी शरण में सदा जो भंवर से उसी … Continue reading किशन बाँसुरी तूने जब भी बजाई