किसी से नहीं अब रही आस बाकी

किसी से नहीं अब रही आस बाकी     किसी से नहीं अब रही आस बाकी। रहा अब कहीं पर न विश्वास बाकी।।   मिटे प्यार में इस तरह हम किसी के। जलाने की ख़ातिर नहीं लाश बाकी।।   वफा की बहुत पर हुआ कुछ न हासिल। नहीं कुछ हमारे रहा पास बाकी।।   गए … Continue reading किसी से नहीं अब रही आस बाकी