दर्द ए दास्तां कोयल की | Koyal par Kavita
दर्द ए दास्तां कोयल की ( Dard – e – dastan koyal ki ) दर्द ए दास्तां कोयल बोली ईश्वर ने दी प्यारी बोली। रंग तो काला कर डाला कैसी खेली आंख मिचोली। कोई कहे बसंत की रानी मधुर तान लगती सुहानी। रंग वर्ण मोहे श्याम मिला शर्म से हो गई पानी पानी। तन … Continue reading दर्द ए दास्तां कोयल की | Koyal par Kavita
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