Hindi Ghazal | Hindi Poem -कुछ बातें दर्पण से भी कर लूं
कुछ बातें दर्पण से भी कर लूं ( kuch Baten Darpan Se Bhi Kar Loon ) कुछ बातें दर्पण से भी कर लूं शायद ख़ुद के होने का एहसास हो जाए। समेटकर केश को जरा बांध लूं स्त्री के मर्यादाओं का आभास हो जाए। मुद्दत हो गए निहारे ख़ुद … Continue reading Hindi Ghazal | Hindi Poem -कुछ बातें दर्पण से भी कर लूं
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