क्या कविता क्या गीत | Kya Kavita Kya Geet

क्या कविता क्या गीत ( Kya Kavita Kya Geet ) ऐसा लगता जीवन सारा, व्यर्थ गया हो बीत। क्या कविता क्या गीत। पीड़ाओं ने मुझको पाला, अभिशापों ने मुझे सम्हाला। अंधियारे भरपूर मिले हैं, अंजुरी भर मिल सका उजाला। आंख झपकते सदा किया है, सपनों ने भयभीत। क्या कविता क्या गीत। कैसा कथन कौन सी … Continue reading क्या कविता क्या गीत | Kya Kavita Kya Geet