क्या पता कौन थे कहाँ के थे

क्या पता कौन थे कहाँ के थे आते जाते जो कारवाँ के थेक्या पता कौन थे कहाँ के थे पंछियों को मुआवज़ा क्यों नइंरहने वाले इसी मकाँ के थे इत्र से कुछ गुरेज यूँ भी हुआफूल वो भी तो गुलसिताँ के थे सब हमेशा रहेगा ऐसे हीसारे झंझट इसी गुमाँ के थे एक रस्ता था … Continue reading क्या पता कौन थे कहाँ के थे