दर्द ढोते हैं हम | Laghu Katha Dard

घर की स्थिति ठीक नहीं थी तो रमेश का कौन नहीं मजाक उड़ाता था कि पढ़ – लिखकर आखिर क्या करेगा, वह। रमेश फिर भी उनकी बातों पर ध्यान दिए बिना आगे बढ़ने के लिए प्रयास करते रहा। ऐसे ही दिन में अपने-पराए पहचाने जाते हैं। उसकी नौकरी लगी और जब वह घर आता तो … Continue reading दर्द ढोते हैं हम | Laghu Katha Dard