राष्ट्र की आत्मा किसान ही हैं इसमें कोई संदेह नहीं । हमारे भारत देश की अर्थव्यवस्था किसानी पर ही निर्भर हैं । जिस किसान को हम देश की आत्मा मानते हैं वही किसान अन्नदाता आज कर्ज के बोझ तले दबकर आत्महत्या कर रहा हैं । आज भारत अधूनिक युग की ओर अग्रसर हो रहा हैं … Continue reading किसान | लघूलेख
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