लहजा | Lehja

लहजा ( Lehja )   ऐ जिंदगी! सीख रही हूँ जीने का लहजा थोड़ी देर तू जरा और ठहर जा हर शाम खुद को खोज रही हूँ हर रिश्ते के राज समझ रही हूँ ढलते सूरज से धीरज सीख रही हूँ तारो से झिमिलाना सिख रही हूँ ख्वाबों की मुट्ठी खोल रही हूँ धीरे धीरे … Continue reading लहजा | Lehja