मफ़हूम-ए-ज़िन्दगी | Life Shayari in Hindi

मफ़हूम-ए-ज़िन्दगी ( Mafhoom-e-zindagi ) वज़्न २२१२ १२११ २२१२ १२ कुछ उलझनों ने जीस्त मु’अम्मा बना दिया कुछ दांव पेंच ने हमें जीना सिखा दिया ॥ रद्दी कबाड़ से करें क्यों घर को बेकदर कुछ ग़ादिरों को साफ़ निकाला भुला दिया ॥ ये रहगुज़र लगी क्यूं हमें अजनबी सी आज जिन रास्तों से गुफ़्तगू है बारहा … Continue reading मफ़हूम-ए-ज़िन्दगी | Life Shayari in Hindi