मांँ जीवन की भोर | Maa poem in Hindi
मांँ जीवन की भोर ( Maa jeevan ki bhor ) मांँ तो फिर भी मांँ होती है हर मर्ज की दवा होती। आंँचल में संसार सुखों का हर मुश्किलें हवा होती। मोहक झरता प्रेम प्यार बहाती पावन संस्कार से। आशीष स्नेह मोती बांटती माता अपने दुलार से। मांँ की ममता सुखसागर पल … Continue reading मांँ जीवन की भोर | Maa poem in Hindi
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