मस्त मद में बसन्त-सन्त है सखी

मस्त मद में बसन्त-सन्त है सखी आ रहा बसंत बसंतपुर से सखी, मन मस्त जोशीले कसक में सखी, पुराने गमगीन पत्तों का यूँ गिरना! नये सुकून की खुशली है सखी। मधुर मधुर हवा मंद-मंद ठण्डक, गुलाबी मौसम, बॉंधती गण्डक, लुभावन दिन और शीतल रात सखी, नये सुकून की उल्लास है सखी । होली सी रंग-बिरंगी … Continue reading मस्त मद में बसन्त-सन्त है सखी