महेन्द्र सिंह प्रखर के मुक्तक | Mahendra Singh Prakhar ke Muktak
( 12 ) हमें तो बोलना भी माँ सिखाती है सुनों हिंदी । सभी स्वर के अलग लक्षण बताती है सुनों हिंदी । रहूँ मैं दूर क्यूँ इससे सभी हैं काम रुक जाते – हमारी तो सभी खुशियां दिलाती है सुनों हिंदी ।।१ ( 11 ) नहीं भाषा गलत कोई मगर पहचान है हिंदी । … Continue reading महेन्द्र सिंह प्रखर के मुक्तक | Mahendra Singh Prakhar ke Muktak
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