मन के मीत | Man ke meet kavita

मन के मीत ( Man ke meet )     मेरे मन के मीत मेरे मन की थी कल्पना कोई भोली भाली अल्पना आती है मुझे बार बार सपना बाहों में भरकर उसको अपना बना लेते हो   मेरे मन के मीत मुझे तुम बहुत याद आते हो सपनों में क्यूँ सताया करते हो रोज … Continue reading मन के मीत | Man ke meet kavita