मानव, पानी और कहानी

मानव, पानी और कहानी   जीवन झर झर झरता, है झरने सा, झरना झर झर बहता, है जीवन सा, मानव के ऑखो मे पानी, नदी, कूप, तालों मे पानी, पानी की कलकल है जरूरी, ऑखों की छलछल है जरूरी, मानव, पानी और कहानी, है धरती की यही निशानी, जीवन की जो कहानी है, झरने में … Continue reading मानव, पानी और कहानी