मत करना अभिमान | Kavita

मत करना अभिमान ( Mat karna abhiman )   माटी  का  ये  पुतला  तेरा,दो दिन का मेहमान। न जाने कब क्या हो जाए,मत करना अभिमान।।   सुंदर काया देख लुभाया , मोह माया में जकड़ गया।। अन्न धन के भंडार भरे जब, देख ठाठ को अकड़ गया। बिना  काम  ही  झगड़  गया,  सोच  समझ  नादान।। … Continue reading मत करना अभिमान | Kavita