मेरे अहसास ( Mere ehsaas ) एक मुद्दत से उसने मेरा हाल नहीं पूछा कहते हैं लफ़्ज़ों की बरसात नहीं करता एक उम्र ही गुजर गई उससे मिले बगैर सुना है अब वो किसी से बात नही करता वो एक खिडकी जो सारे शहर में चर्चा थी कहते हैं अब परिंदा वहाँ ठिकाना नहीं … Continue reading मेरे अहसास | Mere Ehsaas
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed