मेरे होठों की ही शाइरी बन जा तू

मेरे होठों की ही शाइरी बन जा तू     मेरे होठों की ही शाइरी बन जा तू ऐसी मेरी सनम जिंदगी बन जा तू   सोचता हूँ ये मैं काफ़ती रुह है की न मुझसे कहीं अजनबी बन जा तू   दूर क्यों रहता है यूं भला मुझसे ही मेरे दिल की सनम आशिक़ी … Continue reading मेरे होठों की ही शाइरी बन जा तू